राजनीति

पीडीए को अपमानित करने वालों को सत्ता से बेदखल कर देंगे: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समाज के लोग डॉ. बीआर आंबेडकर और उनके संविधान को अपमानित करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से बाहर कर देंगे। सपा नेता ने कहा कि प्रभुत्वादी हमेशा से बाबा साहब के खिलाफ रहे हैं और समय-समय पर उनके अपमान के लिए तिरस्कार पूर्ण बयान देते रहें हैं। उन्होंने कभी भी बाबा साहब के सब की बराबरी के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया।

अखिलेश यादव ने संसद में आंबेडकर के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विवादित टिप्पणी को लेकर देशव्यापी आंदोलन के बीच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “अपमान की इस प्रथा को तोड़ने के लिए अब पीडीए समाज के हर एक व्यक्ति ने ठान लिया है कि वह सामाजिक एकजुटता से राजनीतिक शक्ति प्राप्त कर अपनी सरकार बनाएंगे और बाबा साहब और उनके संविधान को अपमानित करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से बाहर कर देंगे।”

सपा प्रमुख ने पोस्ट में कहा, “प्रभुत्वादियों और उनके संगी साथियों के लिए बाबा साहब सदैव से एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिन्होंने संविधान बनाकर शोषणात्मक नकारात्मक प्रभुत्वादी सोच पर पाबंदी लगाई थी। इसीलिए प्रभुत्वादी हमेशा से बाबा साहब के खिलाफ रहे हैं और समय-समय पर उनके अपमान के लिए तिरस्कार पूर्ण बयान देते रहें हैं।” उन्होंने कहा “उन्होंने कभी भी बाबा साहब के सब की बराबरी के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया।”

अखिलेश यादव ने कहा, “बाबा साहब ने इस व्यवस्था को तोड़ने के लिए शुरू से आवाज ही नहीं उठाई बल्कि जब देश आजाद हुआ तो संविधान बनाकर उत्पीड़ित पीडीए समाज की रक्षा का कवच भी बना कर दिया।” उन्होंने कहा, “प्रभुत्वादी और उनके संगी साथी सदैव आरक्षण के विरोधी रहे हैं। सदियों की पीड़ा और आरक्षण दोनों ही पीडीए को एक सूत्र करते हैं क्योंकि बाबा साहब संविधान और सामाजिक न्याय के सूत्रधार थे इसलिए ऐसे प्रभुत्वादी नकारात्मक लोगों को बाबा साहब हमेशा अखरते हैं।”

अखिलेश यादव ने यह भी कहा बाबासाहेब ने हर एक इंसान को एक मानव के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आंदोलन में हिस्सा लेने की बात कही थी और खुद भी यह करके दिखाया था। बाबा साहब भी आत्म सम्मान के प्रेरणा स्रोत रहे इसलिए प्रबुद्धवादियों और उनके संगी साथी हर बार बाबा साहब और उनके बनाए संविधान के अपमान तिरस्कार की साजिश रचते हैं, जिससे कि पीडीए समाज मानसिक रूप से हतोत्साहित हो जाए और अपने अधिकार के लिए कोई आंदोलन न कर पाए।

सपा प्रमुख ने विश्वास जताते हुए कहा कि जाति जनगणना के बाद पीडीए समाज को गिनती के हिसाब से उनका हक और समाज में उनकी भागीदारी के अनुपात में सही हिस्सा मिल पाएगा।धन का सही वितरण भी तभी हो पाएगा, हर हाथ में पैसा आएगा, हर कोई सम्मान के साथ सिर उठाकर जी पाएगा और अपने जीवन में खुशियां और खुशहाली को महसूस कर पाएगा। यादव ने अंत में अपील की, “तो आइए मिलकर देश का संविधान और बाबा साहब का मान व आरक्षण बचाएं और अपने सुनहरे नये भविष्य के लिए एकजुट हो जाएं।”

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